of tales read, heard, told; and some aimless thoughts
असल सवाल
'सच' नहीं
'झूठ' है
की कौन सा
झूठ अपना है
डर है
ब्रह्म-भ्रम का
अनंत का
छूटने का
गुमने का ?
पर हम भ्रमित हैं
और छूट गए
हैं, एक अनंत
सागर में
गुम हमसब
निरर्थ अथाह
यह, पार हुआ
तो अपना
और ले डूबा
तो भी.
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